राजस्थान के इतिहास
में
राठोरो का गौरवमय स्थान
है
राठोरो के आदि
पुरुष राव सिया कनौज से पुष्कर अपने सेनिको के साथ विक्रम सवत १२१२ में स्नान करने आये हुवे थे उस समय पालीवाल ब्राह्मणों ने उनसे प्राथना की मुशाल्मानो से बड़े दुखी थे राव सियाजी ने पाली जाकर दुश्मनों को मार कर शांति करके अपनी राजधानी खेद में राठौर राज्य की स्थापना की राव सिया जी के ३ पुत्र हुए १ राव आस्थानाजी खेद के राजा हुवे
१-राव सियाजी
२-राव आस्थान्न्जी
३-राव धुडजी
४-राव राय्पल्जी
५--कनाक्पल्जी
६-राव जालंसी
७-राव छाडा
८-राव टिड्डा
९-राव सलखा
१०-विराम्देव्जी
११-राव चुन्द्दा
१२-राव रिदमल
१३-राव जोधा जोधपुर नगर बसाया
१४-राव दूदा मेड़तिया के प्रथम राजा
१५-राव विरमदेव अजमेर और मेड़ता के
१६-राव जैमल
१७-राव केशोदास
१८-गिर्धर्दास्जी
१९-गदाधार्जी
२०-श्यामसिंह
२१-अखे सिंह
२२-पदम् सिंह
२३-चाँद सिंह
२४-सवाई सिंह
२५-सादुल सिंह
२६-श्योजी सिंह
२७-सावत सिंह
२८-मोहन सिंह
२९-हनुवंत सिंह
३०- दशरथ सिंह २-उमेद सिंह ३-भगवान् सिंह
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